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What is International Yoga Day, Why Celebrated, History, Theme, Essay in Hindi 2022

What is International Yoga Day, Why Celebrated, History, Theme, Essay in Hindi 2022
Written by Chetan Darji

What is International Yoga Day ?

International Yoga Day 2022

2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी स्थापना के बाद, 2015 से 21 जून को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता रहा है।

The International Day of Yoga has been celebrated annually on 21 June since 2015, following its inception in the United Nations General Assembly in 2014.

How International Yoga Day started – कैसे हुई अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुवात

भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  भारतीय संस्कृति के सबसे बड़े चेहरे के तौर पर खुद को दुनियाँ के सामने पेश करते हैं. और इस संस्कृति का सबसे बड़ा तोहफा दुनियाँ को योग है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  भी प्रतिदिन योग किया करते हैं, और वो दूसरों को भी योग करने की सलाह देते हैं। उनके ही पहल करने से योग दिवस को मनाने पर सहमति बनी थी। 27 सितम्बर 2014 के दिन संयुक्त महा सभा  में उन्होने सारे विश्व को एक साथ योग करने को कहा था, जिसको 11 दिसम्बर 2014  को सहमति मिल गई। और 21 जून 2015 के दिन से इसको अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जाने लगा.

Why is International Yoga Day celebrated only on 21st June? 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

आप शायद योग करते हों या कल से करने वाले हों, मगर आपने कभी ये सोचा है की, आखिर 21 जून के दिन में ऐसी क्या बात है? की उसी दिन अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, इसके पीछे वजह ये है की, 21 जून उत्तरी उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है। जिसको ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं, 21 जून के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है। और ये समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी होता, इसी वजह से 21 जून के दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाया जाता है.

योग दिवस पर बना विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम – World record made on Yoga Day in India’s name

World record made on Yoga Day in India's name

पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए थे, पहला ये था की, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी  ने दिल्ली के राजपथ पर 35 हज़ार से ज़्यादा लोगों के साथ योग किया था, जो आज किसी एक जगह योग करने वाले लोगों की संख्या से हजारों गुना अधिक थी, दूसरा ये की, एक साथ 84 देशों में एक ही समय में योग किया गया था.

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम -All Theme of International Yoga Day

Year IYD – Theme in HindiIYD – Theme in English
2015सद्भाव और शांति के लिए योग Yoga for Harmony and Peace
2016युवाओं को कनेक्ट करेंConnect the youth
2017स्वास्थ्य के लिए योग Yoga for Health
2018शांति के लिए योग Yoga for Peace
2019पर्यावरण के लिए योगYoga for Climate Action
2020घर पर योगYoga at Home
2021स्वास्थ्य के लिए योगYoga For Wellness
2022मानवता के लिए योगYoga for Humanity

History of Yoga and Yoga – योग एवं योग का इतिहास

History of Yoga and Yoga - योग एवं योग का इतिहास

वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है, जिसमें देखा गया है सभी देश सन 2015 से धर्म जाती और उम्र की सारी बाधाएँ किनारे रख कर सभी लोग योग किया करते हैं, मगर जब हम बात करें योग के इतिहास की तो हमें पता चलता है की,लगभग 5000 साल  से हमारे देश भारत में योग किया जाता रहा है।       

भारत में ऐसा माना जाता है की, जब से मानव सभ्यता की शुरुवात हुई है तब से योग का अस्तित्व है, योग की उत्पत्ति बहुत पहले हुई थी। यहाँ तक की किसी भी धर्म या सभ्यता की उत्पत्ति भी नहीं हुई थी, जब से योग का आस्तिव है। भगवान शिव को पहला योगी माना गया है, हजारों वर्ष पहले हिमालय में झील के तटों पर आदि योगी ने अपने योग के ज्ञान को अपने प्रसिद्ध सप्तऋषि को प्रदान किया था। इन सप्तऋषियों ने इस ज्ञान को एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व, दक्षिण अमेरिका और विश्व के कोने कोने तक पहुंचा दिया। अगस्‍त नामक सप्‍तऋषि, जिन्‍होंने पूरे भारतीय उप महाद्वीप का दौरा किया, ने यौगिक तरीके से जीवन जीने के इर्द-गिर्द इस संस्‍कृति को गढ़ा। इस तरह भारत ने ही इस योग को सारी दुनियाँ में पहुंचाया, और अपने आध्यात्मिक ज्ञान से विश्व को परिचित किया.


          सिंधु सरस्वती घाटी सभ्यताओं के बहुत सारे जीवाश्म जो की खुदाई के दौरान मिले। जिसमें मुहरें और देवी देवताओं की कलाकृतियाँ अनेक योग की मुदरा में नज़र आती हैं, जो इस बात का प्रमाण देती हैं की, उस जमाने में भी लोग योग किया करते थे। भारतीय पुराणों बोद्ध जैन परम्पराओं में भी योग की उपयोगिता और उसके होने के प्रमाण मिलते हैं, वैदिक काल में  सूर्य को बहुत अधिक महत्व दिया गया है। शायद इसलिए सूर्य नमस्कार को इतना महत्व दिया जाता है योग में. एक महान संत महर्षि पतंजलि  ने अपने ज्ञान से उस समय चली आ रही योग की विधाओं और इससे संबन्धित ज्ञान को और अधिक विस्तृत एवं व्यवस्थित कर दिया. महर्षि पतंजलि के बाद आने वाले अन्य बहुत सारे ऋषियों ने अपने अपने ज्ञान और सिद्धि से योग की सेवा की, और इसको और अधिक प्रभावशाली बनाने में अपनी भूमिकाएँ निभाई हैं. 

           एक तरह से 500 ईसा पूर्व और 800 ईस्वी सन के बीच के समय को योग के स्वर्णिम काल के रूप में देखा जाता है. इसी समय योग सूत्रों एवं भागवद्गीता आदि पर व्‍यास के टीकाएं को अस्तित्व मिला। इस समय काल को इसलिए महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि, इस काल में दो महान धार्मिक उपदेशकों महावीर और बुद्ध  हुए। महावीर ने 5 महान व्रत और बुद्ध के अष्ट मग्गा या आठ पाठ की संकल्पना को ही योग साधना की शुरुवाती अवस्था कहा जा सकता है. 

           800 ईस्वी से 1700 ईस्वी  तक के काल में भी कुछ ऐसे महान लोगों ने योग को अपनाया और योग कला को सजाया जिसमें महान आचार्यत्रयों – आदि शंकराचार्य, रामानुजाचार्य और माधवाचार्य – के उपदेश इस अवधि के दौरान प्रमुख थे। इस समय काल के दौरान सुदर्शन, तुलसी दास, पुरंदर दास, मीराबाई के उपदेशों ने महान योगदान दिया। हठयोग परंपरा के नाथ योगी जैसे कि मत्‍स्‍येंद्र नाथ, गोरख नाथ, गौरांगी नाथ, स्‍वात्‍माराम सूरी, घेरांडा, श्रीनिवास भट्ट ऐसी कुछ महान हस्तियां हैं,जिन्‍होंने इस अवधि के दौरान हठ योग की परंपरा को लोकप्रिय बनाया। 

             1700 ईस्वी से 1900 ईस्वी  के समय को आधुनिक काल के रूप में माना जाता है जिसमें महान योगाचार्यों – रमन महर्षि, रामकृष्‍ण परमहंस, परमहंस योगानंद, विवेकानंद आदि ने राज योग के विकास में योगदान दिया है। यह ऐसी अवधि है जिसमें वेदांत, भक्ति योग, नाथ योग या हठ योग फला – फूला। शादंगा – गोरक्ष शतकम का योग, चतुरंगा – हठयोग प्रदीपिका का योग, सप्‍तंगा – घेरांडा संहिता का योग – हठ योग के मुख्‍य जड़सूत्र थे। 

           आज के युग में योग को स्वस्थ शरीर का आधार और मन की शांति के लिए एक महान कला के रूप में जाना जाता है स्वामी विवेकानंद, श्री टी कृष्‍णमचार्य, स्वामी कुवालयनंदा, श्री योगेंद्र, स्‍वामी राम, श्री अरविंदो, महर्षि महेश योगी, आचार्य रजनीश, पट्टाभिजोइस, बी के एस आयंगर, स्‍वामी सत्‍येंद्र सरस्‍वती आदि जैसी महान हस्तियों के उपदेशों से आज योग पूरी दुनिया में फैल गया है।

आज के युग में योग – Yoga in today’s era

हजारों साल की भारतीय परंपरा के साथ योग भी फलता फूलता रहा है, आज दुनियाँ भर में योग किया और सिखाया जाता है. आपको ये जान कर भी हैरानी होगी की, अधिकतर विदेशों में योग सीखने और करने के केंद्र हैं और वहाँ जो योग गुरु हैं वो कोई भारतीय नहीं बल्कि वहीं के नागरिक है. जिन्होने खुद पहले योग की विद्या सीखी, उसके बाद वो अपने देश के नागरिकों को योग सीखा रहे हैं। आज योग के बारे में किसी को कुछ बताना नहीं पड़ता सबको पता है की, योग एक ऐसी कला है जिससे  न सिर्फ शरीर को संतुलित किया जाता है, वरन मानसिक शांति के लिए भी योग से बड़ी कोई विधा नहीं है.

आज के युग में योग - Yoga in today's era

            जब से प्रचार प्रसार माध्यमों में वृद्धि हुई है, योग भी जन मानस तक आसानी पहुँच गया है। आज भारत में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं होगा जी बाबा रामदेव जी को नहीं जानता होगा। आज घर घर में योगा किया जाने लगा है, उसका श्रेय बाबा रामदेव को ही जाता है. उन्होने TV, YouTube आदि माध्यमों का उपयोग कर योग को घर घर तक पहुंचा दिया है। जिसका लाभ आज बच्चे से लेकर बुजुर्ग सभी उठा रहे हैं, कई फिल्मी हस्तियों ने भी योग को अपना कर दूसरों को इसके लिए प्रेरित किया है, उसमें सबसे बड़ा नाम मशहूर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी का का है.

2022 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस – International Yoga Day in 2022 –

आज के समय में योग का महत्त्व और अधिक हो जाता है, जब Non-communicable और Lifestyle से जुड़ी बीमारियां युवाओं में विशेष रूप से बढ़ रही हैं। इसलिए अच्छी सेहत और तंदुरुस्ती के लिए योग का अभ्यास अवश्य करें।

FAQ – Frequently Asked Question

1. What is the theme of International Yoga Day 2022?

Answer – मानवता के लिए योग – Yoga for Humanity

2. Who created International Yoga Day?

Answer – Prime Minister Narendra Modi

3. Who is father of Yoga?

Answer – Tirumalai Krishnamacharya

4. Who introduced yoga in India?

Answer – Swami Vivekananda

About the author

Chetan Darji

Hi, My name is Chetan Darji , and I am the owner and Founder of this website. I am 24 years old, Gujarat-based (India) blogger.
I started this blog on 20th January 2019.

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