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कम्‍प्‍यूटर वायरस क्‍या है (What is Computer Virus in Hindi)

What is Computer virus
Written by Chetan Darji

आज हम जानने वाले हैं कि Computer Virus क्‍या होता है और यह किस तरह से किसी Computer को नुकसान पहुंचा सकता है आप में से जो लोग भी Computer का Use करते हैं उन्‍होंने Computer Virus का नाम जरूर सुना होगा और यह भी सुना होगा कि Virus अगर आपके Computer में आ जाए तो वह आपके Computer के Data को पूरी तरह से नस्ट भी कर सकता है यहां हम Computer Virus के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त‍ करेंगे What is Computer Virus, Computer Virus क्‍या होता है यह कितने प्रकार का होता है और किस प्रकार आपके Computer और Data को नुकसान पहुंचा सकता है

क्‍या होता है कम्‍प्‍यूटर वायरस (What Is Computer Virus)

What you see in virus

जिस प्रकार से मनुष्य‍ के शरीर में अगर Virus घुस जाए तो बहुत तरह की परेशानियां या बीमारियाँ शरीर को जकड लेती हैं उसी प्रकार अगर Computer में भी Virus आ जाए तो Computer में भी अनेक प्रकार की Problems हो सकती हैं लेकिन क्‍या यह Computer Virus कोई जीवित प्राणी होता है नहीं Computer Virus एक छोटा सा Software Program होता है जो Computer के Main Program को प्रभावित करता है जिससे Computer Program ठीक प्रकार से कार्य नहीं करते हैं सीधी भाषा में कहें तो यह Virus आपके Computer Programs को खराब करने के लिए ही बनाए जाते हैं जिससे Computer सुचारु रूप से काम नहीं करता है और आपको परेशानी होती है

इस प्रकार के Computer Programs जो आपकी बिना मर्जी के Computer में प्रवेश कर जाते हैं और आपके Computer Programs के साथ-साथ आपके Store Data को भी नुकसान पहुँचाते हैं ऐसे Program Computer Virus कहलाते हैं 

कम्‍प्‍यूटर वायरस का इतिहास (History Of Computer Virus)

दुनिया का सबसे पहला Computer Virus (ARPANET) – Advance Research Project Agency Networkपर पाया गया था अरपानेट (ARPANET) दुनिया का पहला Internet Protocol लागू करने वाला था जिसमें सन 1970 से पहले Creeper virus पाया गया था जो TENEX Operating System के द्वारा फैला था जो एक Network से जुडे हुए Computers को संक्रमित करता था और संदेश देता था कि ”मैं क्रीपर हूं अगर पकड़ सकते हो तो मुझे पकडो” क्रीपर को BBN Technology के इंजीनियर Robert Thomas ने Develop किया था 
1982 में “ELK Cloner.” नाम का Computer Virus आया जिसे Richard Skrenta ने Develop किया था जिसने Floppy Disk के माध्‍यम से पहले Apple 3.3 (Apple DOC) Operating System को Infect किया था “ELK Cloner.” पहला एक Antivirus था जिसे सबसे पहले Track किया गया था यह Virus एक मज़ाक के तौर पर तैयार किया गया था जिसे Floppy में डाला गया यह Virus एक Game के रूप में दिखाई देता था जिसके 50 बार Use करने पर Active हो जाता था जिस Computer को संक्रमित करता था उसमें एक छोटी सी कविता दिखाई देती थी “Elk Cloner. The Program With a Personality” In The Wild (इन दी वाइल्‍ड ) पहला Boot Sector Virus था

Virus कैसे काम करता है और यह किस प्रकार आपके Computer को नुकसान पहुंचा सकता है 

जैसा कि आप जानते हैं कि Computer के Operating System, Application Software एक Programming Language में लिखे जाते हैं जिनके लिए कुछ खास तरह की Coding की जाती है जिससे वह Program या Software Algorithm के अनुसार काम करता है जब Virus System में प्रवेश करता है तो वह खुद को Multiply करता है और Program और Applications में बदल जाता है इसके साथ ही Virus Computer के Original Code से Virus के Malicious Code को Replace करता रहता है जिससे Computer की Original Programming बदल जाती है और उसमें कई प्रकार की Problems आने लगती हैं 

कैसे पता करें कि कम्‍प्‍यूटर में वायरस है ? How to know your computer is in trouble. ( Virus)

virus in computer language
  • अगर आपका Computer अचानक से कुछ असामान्य‍ गति विधि कर रहा है तो समझ जाइये कि उसमें Virus हो सकता है उसके लिए कुछ Warning Science हैं जिनके बारे में आपको पता होना बहुत जरूरी है
  • अगर आपके Computer की Speed अचानक से कम हो जाती है वह बहुत Slow चलने लगता है जबकि उसका Hardware बहुत अच्‍छा है तो समझ लीजिए Computer में Virus है
  • Computer के अंदर अचानक से कुछ ऐसी Files तथा Folder बन जाते हैं जिन्‍हें आपने नहीं बनाया है तो समझ जाइये आपके Compute में Virus है
  • Computer On करने के साथ ही अगर कुछ Programs अपने आप Run करने लग जाते हैं और आपके बंद करने के बावजूद भी चलते रहते हैं तो समझ जाइये Computer में Virus है
  • अगर computer में आपको बार-बार Popup Advertisement दिखाई देते हैं तो समझ जाइये कि Computer में Virus है
  • अगर Computer में कुछ ऐसे Software या Applications दिखाई देते हैं जिन्‍हें आपने कभी Installed नहीं किया है तो समझ जाइये कि आपके Computer में Virus है

कम्‍प्‍यूटर वायरस कितने प्रकार के होते हैं (Types Of Computer Virus)

types of computer virus

बूट सेक्‍टर वायरस (Boot Sector Virus) यह Virus Computer Hard Disk के Boot Sector को प्रभावित करते हैं इन्‍हें निकाल पाना बहुत मुश्किल होता है जब Computer को Start किया जाता है तो यह Operating System में Load हो जाते हैं और कभी-कभी System File को भी Infected करते हैं 

पार्टीशन टेबल वायरस (Partition Table Virus)

इस प्रकार का Virus Hard Disk के Partition को नुकसान पहुँचाता है और Boot Record को भी Infact करता है जिससे System की Speed Slow हो जाती है और यह Ram की क्षमता को भी कम कर देता है 

फाइल वायरस (File Virus)

यह Computer की Program File के साथ Attached होकर उनको नुकसान पहुँचाता है यह Virus किसी Program की तरह ही Computer में INSTALLED हो जाता है और यह Computer की .com , .exe, sys, .ovl, .prg, और .mnu जैसी files को Infect करता है 

ओवर राइट वासरस (Overwrite Virus)

यह Virus Original files को Replace कर देता है जिससे System की सभी Files और User Data खराब हो जाता है या Encrypt हो जाता है जिसे ठीक करना बहुत मुश्किल हो जाता है जिससे बचने के लिए System को Format करना पडता है जिससे Data Loss होता है इस प्रकार के Virus Phishing Email द्वारा Spread किये जाते हैं 

रूट किट वायरस (Rootkit Virus)

रूट किट वायरस सिस्‍टम (Rootkit Virus System) में एक Inlegal RootKits को Installed कर देता है जिससे आपके System का पूरा Control Hackers को मिल जाता है इस Virus के आने से आपके System का Data चोरी होने के पूरे Chance होते हैं और इसको पकड़ पाना भी बहुत मुश्किल होता है 

ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) 

ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) एक ऐसा Program है जो Hackers द्वारा गुप-चुप तरीके से Computer System को Infect करने के लिए तैयार किया गया है यह आपकी बिना अनुमति से आपके Computer System में प्रवेश करता है Hacking Software Install करता है और आपके System की पहुंच को Hackers तक बनाने में Hackers की सहायता करता है ट्रोजन हॉर्स (Trojan Horse) कई प्रकार के होते हैं – 

  • Remote Administration Trojans (रिमोट एडमिनिस्‍ट्रेशन ट्रोजन)
  • Data Stealing Trojans (डाटा स्‍टेलिंग ट्रोजन)
  • Security Disable Trojan (सिक्‍यौरिटी डिसेबल ट्रोजन)
  • Control Changer Trojan (कन्‍ट्रोल चेन्‍ज ट्रोजन)

Worms (वर्म)

Worms (वर्म) यानी कीडा एक ऐसा Virus होता है जो आपके Computer में घुसने के बाद खुद को Multiply करता है Multiply करके ज्‍यादा- से- ज्‍यादा फैलने की कोशिश करता है ये Computer के अंदर Files की ढेर सारी Copy बनाना शुरू कर देता है और ज्‍यादा- से- ज्‍यादा Space आपके Hard Disk में कवर कर लेता है इससे दो नुकसान होते हैं पहला तो Hard Disk Space Full हो जाता है और दूसरा System Slaw चलने लगता है अंजाने में अगर इस Virus से Infected Computer से दूसरे System में कोई File Transfer की जाती है तो यह Virus वहां भी अपने पैर जमा लेता है वहां भी Files को Duplicate बनाना शुरू कर देता है

वायरस से सिस्‍टम को कैसे बचायें (How To Protect Your System From Virus)

  1. अगर आप अपने System को Virus से बचाना चाहते हैं तो आपको कुछ सावधानियां वरतनी चाहिए नहीं तो अगर आप कोई ऐसा Business करते हैं जिसमें आपके पास बहुत जरूरी Data होता है जिसके नष्‍ट होने से आपको काफी नुकसान हो सकता है तो आइए जानते हैं कुछ ऐसे Tips जिससे आप अपने System को Virus से बचा सकते हैं 
  2. कभी भी किसी Phishing Email पर दिये गये Attachment को खोलना नहीं चाहिए केवल विश्‍वसनीय व्‍यक्तियों द्वारा भेजे गये Email पर ही भरोसा करना चाहिए 
  3. अपने Computer में एक अच्‍छा Antivirus Install करके रखना चाहिए और उसको समय समय पर Update भी करते रहना चाहिए 
  4. किसी ऐसी Website से कोई Software Download नहीं करना चाहिए जिसके विषय में आपको जानकारी न हो Internet पर Free की चीजों से दूर रहना चाहिए 
  5. Internet पर वर्तमान में ज्‍यादातर Software Movie, Mp3 Songs Authorized Websites पर उपलब्‍ध हैं इसके लिए Pirated Website का इस्‍तेमाल नहीं करना चाहिए 
  6. अगर आप Email या Internet से कुछ Download कर रहे हैं तो पहले फाइल को Antivirus द्वारा Scan जरूर करा लें 
  7. अगर आपको कोई ऐसा E-mail आता है जिसमें लिखा होता है कि आपने लॉटरी जीती है तो उसपर कोई Action नहीं लेना चाहिए उसे तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए 
  8. कभी भी नकली, Pirated, Creak और Patch Software को INSTALLED नहीं करना चाहिए 
  9. किसी की Pen Drive या Removable Media को अपने Computer में लगाने से पहले उसे Anti Virus से Scan करा लेना चाहिए 

Free Vs Paid Antivirus ( मुफ्त VS पैसेवाला )

Internet पर दो प्रकार के Antivirus उपलब्‍ध हैं पहला Free Antivirus और दूसरा Paid Antivirus दोनों में अंतर जानना बहुत जरूरी है Free Antivirus कुछ Limited Virus और Files को ही Scan कराने की क्षमता रखता है जबकि Paid Antivirus में ढेर सारे Option होते हैं और नये Virus की List को सबसे पहले यहीं पर Update किया जाता है इनका Security Level Free Antivirus से High होता है तो अगर आपका Data आपके लिए बहुत Important है तो आपको Paid Antivirus की तरफ ही जाना चाहिए 

अंत में 

आप समझ ही गये हैं कि Virus क्‍या होता है, किस तरह से कार्य करता है और आपके कीमती Data और System को किस प्रकार से नुकसान पहुंचा सकता है Virus से बचने के लिए आपको क्‍या करना है अगर ये आपको पसंद आई हो तो इसे दोस्‍तो के साथ जरूर शेयर कीजियेगा हम हमेशा आपके लिए इसी प्रकार की जानकारी लेकर आते रहेंगे आपका दिन शुभ हो

About the author

Chetan Darji

Hi, My name is Chetan Darji , and I am the owner and Founder of this website. I am 24 years old, Gujarat-based (India) blogger.
I started this blog on 20th January 2019.

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